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Saturday, March 23, 2019

ASTHA AUR ANDHAVISHWAS

   

अंधविश्वास संस्कृति व विकास दोनो के लिए घातक है. अंधविश्वास एक दलदल समान है .जिसमे व्यक्ति फसता चला जाता है .

आस्था व अंधविश्वास बहुत ही वारीक रेखा होती है .अंधविश्वास वहीं पनपता है जहाँ आस्था की डोर कमजोर परती है. 

                  अंधविश्वास क्या है 

अपनी कमजोरी को भाग्य का जIमा पहनाने की कोशिश ही अंधविश्वास है. अपनी कमजोरिओं का हल स्वयं ना कर किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा करवाना ही अंधविश्वास का सूचक है .
अन्धविश्वास की जड़ समाज में इतनी मजबूत है की इसका प्रभाव 21वी सदी में भी मिलता है .

हर आयु वर्ग , हर तबका , हर समुदाय कहीं ना कहीं इसे समाज में पनपने की अनुमति दे रहे हैं. 

हमारे बीच बाबाओं के नाम की कमी नही है, जिन्होंने आस्था को अंधविश्वास का स्वरुप दे कैसे हमारी भावना को आघात किये हैं .

वास्तविकता जहाँ दम तोरती है वहीं अन्धविश्वास का वर्चसव हो जाता है. 
यानि 
स्व व अदृश्य शक्तिओं के वीच किसी भी व्यक्ति विशेष का मध्यस्तता ही अंधविश्वास है .

इतिहास में बहुत सारि ऐसी उदाहरण है जो हमें सचेत करता है .

सती प्रथा अंधविश्वास का वृहद स्वरुप था. राजा राम मोहन राय ने इस सामाजिक अंधविश्वास को समाप्त किये. 
आज के दौर में बहुत सारि वृहद व लघु अंधविश्वास परिवार समाज में विद्यमान है जिसे आस्था से जोर रखे हैं .

अंधविश्वास से कैसे बचें. 

1  भय मुक्त सोच :- अंधविश्ववास का जनक ही भय है .भय के कारन व्यक्ति अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इधर उधर भटकने लगता है और उपयुक्त परिणाम से वंचित रह जाता है .अतः भयमुक्त सोच स्वयं पर विश्वास से ही अंधविश्वास से बच सकते हैं. 

2  स्वयं को HEEL करें : व्यक्ति स्वयं सक्षम है अपनी आंतरिक व वाह्य समस्या के समाधान करने में  जरुरत है तो अपने आप को समझने की .तर्क वितर्क से आस्था व अंधविश्वास में फर्क करें  

3  भावनात्मक सेहत की मजबूती : भावनात्मक कमजोरी कहीं ना कहीं अंधविश्वास को बढ़ावा देता है .पूर्ण सत्यता के आधार पर आंकलन कर ही किसी प्रथा , किसी जादू टोना को अपनी जीवन का हिस्सा बनाएं. 

4  मान्यताओं को समझें : अक्सर मान्यताओं का विश्लेषण ना कर उसे ढोने के प्रयास में लग जाते हैं .कौन सी मान्यताएं हितकारी है और कौन सी मान्यताएं अहितकारी है  ये समझने की बात है .
बिना इस समझ के अन्धविश्वास से नही बच सकते. 

निश्चितता , विश्वास व लगन से किया गया हर कार्य अपने निश्चित समय पर फलित होता है  किसी भी कार्य को फलित करने के लिए अंधविश्वास का सहारा हमेशा ही घातक होता है. इससे बचें और अपनी विवेक शक्ति से जीवन रुपी यात्रा तय करें .

आपका जीवन सुखमय मंगलमय और तथ्य से पूर्ण हो. 

धन्यवाद 
अगले ब्लॉग में नये विषय के साथ फिर उपस्तिथ होऊंगी .

पढ़े और शेयर जरूर करें. 

jitutasu@gamail.com

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