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Wednesday, October 24, 2018

WOMEN'S CONTRIBUTION TO SOCIETY



नारी का राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी 

मैं ज्योति अपने ब्लॉग में आप सब का स्वागत करती हूं
मेरे इस ब्लॉग का मकसद है महिलाओ को उनके अपने ही शक्ती से परिचय करवाना .
अपने गुणों को नारी कैसे पहचाने इस बिषय के साथ उपस्थिति हुई हूं

जैसा कि हम सभी जानते हैँ कि भारत एक विकासशील देश है
क्या हम यह जानते हैँ कि इस विकास  के पीछे महिला कि भागीदारी क्या है? केवल 14% महिलाएं ही अपना भागीदारी निभा रही है,
ऐसा नहीं है की 14% महिलाएं ही योग्य है.
कारण यह है की हम अपने योग्यता को समझ ही नहीं पाते हैँ .

अगर हम महिलाएं अपने परिवार का ध्यान रखते हुए या फिर कहें अपने जिम्मेदारी को निभाते हुऐ थोड़ा समय अपने लिए निकल लें तो हम अपने योग्यता को सहज़ ही पहचान सकते हैँ .

सुबह के कुछ समय प्रतिदिन खुद को दें अपने आप से बातें करें अपने आप को जाने हम क्या चाहते हैँ? यह प्रश्न खुद से करें बचपन में हम किस तरफ ज्यादा आकर्षित होते थे .

बस इन्ही सब बातों के साथ प्रतिदीन आपने अंदर जाइये .

दो चार रोज के बाद अपने आप से सहज़ हो जाएंगे फिर एक पेपर पर  अपनी खूबिआं व कमियाँ को लिखें .

प्रत्येक सुबह अपनी खूबिओं में से एक सबसे रुचिपूर्ण खूबी का  चुनाव करते जाएँ अंत में जो  खूबी आपके दिल को छू जाये  उसे आधार बना लीजिये .
उन खूबियों पर आप लगातार काम करें और इसे अपनी हॉबी बना लें.
यकीन मानिये जब हम कुछ अलग करने लगेंगे तो अच्छा महसूस करेंगे.

हमें  कुछ पिछै छोरना नहीं है सभी को संभालते हुऐ नया करना है.

बून्द बून्द कर सागर भरता है
आपका कदम वही बून्द है
अपने परिवार समाज व राष्ट्र निर्माण में योगदान देगा.

इन्ही पन्क्तिओ के साथ इस बिषय को अगले ब्लॉग में नये विचारों के साथ उपस्थिति हूँगी .

धन्यवाद
अपकी
ज्योती
9592509603

Sunday, October 7, 2018

WOMEN POWER


                   


हेलो दोसतो मैं जीतेन्द्र
 ज्योति अपने पहले ब्लॉग में स्वागत करती हूँ विषय है नारी शक्ति

 मुझे गर्व है नारी हूँ मैं
बचपन में मैं गुड्डे गुरिओं से खेली हूँ मैं
बावा के आंगन की खुशीआं हूँ मैं
अम्मा के आँचल का गहना हूँ मैं
भइआ के कलाई की राखी हूँ मैं
मुझे गर्व है नारी हूँ मैं
खुले आसमान में ुर्र सकती हूँ मैं
लहरों में थम सकती हूँ मैं
अंतरिक्ष में रुक सकती हूँ मैं
तलवार उठा लड़ सकती हूँ मैं
मुझे गर्व है नारी हूँ मैं
नया जीवन ला सकती हूँ मैं
हर रिश्ते संजो सकती हूँ मैं
ममता से भरा आँचल हूँ मैं
बाबा के बुढ़ापे का सहारा हूँ मैं
ठहराव नहीं अविरल हूँ मैं
मुझे गर्व है नारी हूँ मैं
शक्ति हूँ वरदान भी हूँ मैं
लक्ष्मी का अवतार भी हूँ मैं
दुष्टों का संघार भी हूँ मैं
कर्मों पे बलिदान भी हूँ मैं
घर घर पूजी जाती हूँ मैं
मुझे गर्व है नारी हूँ मैं !

धन्यवाद