Pages

Sunday, December 30, 2018

आत्म विश्वास जीवन की कुंजी BOOST SELF CONFIDENCE

मैं ज्योति एक बार फिर आपका अपने ब्लॉग पर स्वागत करती हूँ .आज मैं आपके लिए एक ऐसे विषय को लेकर आयी हूँ जिसके अभाव में बहुत ही बुद्धिमान और बलशाली व्यक्ति भी जीवन के दौर में पीछे  रह जाते  है .
विषय है :

       आत्मविश्वास (SELF CONFIDENCE )

आत्मविश्वास वह संजीवनी है जो किसी भी व्यक्ति को फर्श से अर्श तक पंहुचा सकती है. व्यक्ति उम्र के किसी भी पड़ाव में हो इसकी जरुरत हर किसी को  होती  है

चाहे वो पुरुष हो या महिला हो, बच्चे हों या बुजुर्ग .

अपनी सोच को हमेशा सकारात्मक रखें. जब आपकी सोच सकारात्मक होगी  तो आप हर समस्या का समाधान आसानी से ढूंढ सकते हैं, जिससे आपका आत्मविश्वास बढेगा .

अपने लक्ष्यों को छोटे छोटे भाग में बांटे .जब आप छोटा छोटा काम पूरा करते जायेंगे तो आपके अंदर आत्मविश्वास स्वतः बढेगा.

खुद का दोस्त बनना होगा, जब आप खुद का दोस्त बनते हैं तो आप बारीकी से अपने आप को जान सकेंगे और अपनी कमिओं को आसानी से दूर कर पाएंगे. जब आपकी कमियां दूर होंगी तो आपका आत्मविश्वास बढेगा.

दूसरों से कभी भी अपनी तुलना ना करें, तुलना हमेशा खुद से करें, खुद आकलन करें . क्या बीते हुए कल से कुछ नया सीखें हैं की नही .जब आप ऐसा करते जाएंगे तो आपको अनुभूति होगी की आपका आत्मविश्वास बढ़ रहा है.

हमेशा कर्म को आधार बनाएं अपना हर काम पुरे ईमानदारी व सच्चाई से सम्पन्न करें .खुद अंदर से एक सुकून का एहसास होगा जो आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा.

दिखावा में कोई काम ना करें जिस काम को करने से आपके दिल को प्रस्सनता मिले वही काम करें .जब काम आपके पसंद का होगा तो आप उसमे अपना सत् प्रतिशत देंगे जो आपको सफल बनाएगा और आत्मविश्वास को बढ़ाएगा.

किसी भी काम को शुरू करने से पहले पूर्ण जानकारी कर लें ताकि उसे पुरे आत्मविश्वास से करें.

आपका कार्य सफल हो.

धन्यवाद

अगले ब्लॉग में एक नए विषय के साथ फिर उपस्तिथ होऊंगी .
इसे शेयर करना ना भूलें .

Tuesday, December 25, 2018

पति पत्नी के खुशहाल रिश्ते HAPPY RELATION WIFE AND HUSBAND


पति पत्नी के खुशहाल रिश्ते 

मैं ज्योति एक बार फिर आप सबका अपने ब्लॉग पर स्वागत करती हूँ.

आज कल घर परिवार में रिश्तों को लेकर बरी उलझन रहती है. कुछ रिश्ते तो हमें जन्म से मिलते  है और कुछ रिश्तों को हम  खुद  बनाते हैं

उन्ही रिश्तों में एक विश्वास का रिश्ता है पति पत्नी का.

आज मैं अपनी लेखनी से उन्ही रिश्तों को मजबूती देने का प्रयास करूंगी.
भारतीय संस्कृति में तो पति पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का माना जाता है .

आज के बदलते दौर में किसी ना किसी भूल से रिश्ते कमजोर होते जा रहे हैं.

किसी भी रिश्ते में मजबूती लाने के लिए सबसे बरी बात होती है एक दूसरे को अपनाना , चाहे वह आदत की बात हो, सोच की हो या फिर संस्कारों की . किसी भी रिश्ते में इन्ही कारणों से टकराव आती है .

जैसे पत्नी की आदत है देर तक सोने की और
पति की आदत है सुबह जल्दी जागने की
ये छोटी सी बात है पर इन आदतों को  स्वीकार करें , फिर प्रेरित करें की देर तक सोना स्वास्थ्य के लिए अच्छी बात नहीं है .आप देखेंगे की जरूर ही बरी सौम्यता से अच्छी आदतों को स्वीकार कर लेंगे.

एक दूसरे के गलतियां  कभी भी गिनाए नहीं खुद आत्म चिंतन करें हम कहाँ गलती कर रहें हैं. वैसे भी गलतियां  किसी की भी हो आपस में SORRY बोलने से आपका प्रेम प्रगाढ़ होगा .

एक दूसरे को सम्मान दें  अपनी भावनाओं का  आदान प्रदान करें , ताकि कोई भी गलतफहमी आपके रिश्ते को अंदर से खोखला ना करें. अक्सर पति इतने व्यस्त होते हैं की इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं. एक दूसरे के साथ हमेशा QUALITY TIME बिताएं.

किसी भी परिष्तिथि में व्यक्तिगत बातें किसी तीसरे व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए , चाहे वो आपका कितना भी नजदीकी क्यों ना हो. जब व्यक्तिगत बातें सार्बजनिक होती है तो बनती नहीं बल्कि बिगड़ती है. किसी भी रिश्ते को फलने फूलने के लिए सकारात्मक सोच की जरुरत होती है , जो तीसरे व्यक्ति से नही मिलता है .रिश्ता आपका है तो संभालना भी आपको ही है .

इन सुझाबों से अपने रिश्ते को सींचते रहें , आपका रिश्ता जरूर फलता फूलता रहेगा.

धन्यबाद
अगले ब्लॉग में फिर उपस्तिथ होऊंगी नये बिषयों के साथ.
पसंद आये तो इसे जरूर शेयर करें.





Tuesday, December 11, 2018

कुशल माता पिता कैसे बने PROPER PARENTING

कुशल माता पिता कैसे बने

मैं ज्योति एक बार फिर आप सबका अपने ब्लॉग पर स्वागत करती हूँ

माँ बनना अपने आप में एक अबिश्मर्नीये एहसास है. जो महिलाओं को पूर्ण बनाती है. माँ बनना जहाँ खुशियों की सौगात है वहीं जिम्मेदारिओं का एहसास भी.

अपनी जिम्मेदारी का सही पूर्बक निर्बाहन कैसे करें यानि अच्छे माता पिता कैसे बनें

इसी बिषय को लेकर उपस्थित हुई हूँ

हर माता पिता अपने बच्चों के परवरिश में ये पांच बातें शामिल जरूर करें ताकि वो एक अच्छे माता पिता बन सके

अपने बच्चों की तुलना कभी भी दूसरे बच्चों से ना करें .अक्सर माता पिता दूसरों से तुलना करना अपने परबरीश का हिस्सा समझते हैं  जब आप ऐसा करते हैं तो आपका बच्चा हीन भावना से ग्रसित हो रहा है .हर बच्चा अपने आप में अद्भुत है . तुलना ना करें.

उपहार हमेशा बच्चों के कामों को दें बच्चों को नहीं . जब आप ऐसा करेंगे तो आपका बच्चा समझ जायेगा की हमें अच्छा काम करना चाहिए.

अपने बच्चों की खूबिओं को समझें हर काम हर बच्चों के लिए सही नही होता है .अपने बच्चों के खूबिओं को निखारें और उन खूबिओं से अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें.

अपने बच्चों की गलतिओं को अपनाएं .आज के बदलते दौर में यदि आप हर गलतिओं के लिए उन्हें दण्डित करेंगे तो बच्चा आप से दूर होता चला जायेगा. बजाय इसके की उनकों दण्डित करें उन्हें यह समझाएं की बुरा काम क्या है और अच्छा काम क्या है .

अपने घर का वातावरण हमेशा सकारात्मक रखें .कभी भी अपनी खुद की गलतियां दूसरों पर ना डालें , खुद जिम्मेदारी लें .जब आप ऐसा करते हैं तो आपका बच्चा भी अपनी गलतिओं  को स्वीकार करेगा. हर परिष्तिथि में उसका साथ दें.

आपका बच्चा कभी भी आपके कहने से नहीं करने से सीखता है  आप जिस तरह से अपने आप को बच्चों के सामने पेश करेंगे वैसा ही करेगा.

इन सुझावों को अपने परवरिश में अपनाइये और अपने दायित्यों का निर्वाह आसानी से करें.

अगले ब्लॉग में फिर उपस्थित हूँगी नये बिषय के साथ.

धन्यवाद

Sunday, December 2, 2018

समय का प्रबंधन

समय का प्रबंधन

मैं ज्योति एक बार फिर आपका अपने ब्लॉग पर स्वागत करती हूँ

आजकल समय का प्रबंधन करने के लिए बहुत से तरीके देखने को मिलते हैँ बहुत लोग उसे अपना भी रहे हैँ फिर भी अपने समय का सही प्रबंधन नही कर पाते हैँ कुछ ना कुछ काम छूट ही जाता है
चाहे वो विद्यार्थी हो कामकाजी हो या फिर गृहणी सभी के साथ यह समस्या है समय का प्रबंधन कैसे करें आज मैं इसी बिषय पर चर्चा करुँगी

किसी भी चीज को प्रबंधन करने से पहले हमें उसके महत्व का स्पस्टीकरण होना जरूरी है. जब हम उसके महत्व को समझ लेंगे तब प्रबंधन करना आसान हो जायेगा
जैसे की पैसे के  महत्व को हम सब जानते हैँ उसका उपयोग भी आबश्यकता के अनुसार ही करते हैँ .
फिर समय को लेकर लापरवाही क्यों समय तो पैसे से भी मूल्यवान है कितना भी अमीर क्यों ना हो अपने लिए समय नही खरीद सकता समय एक अनबरत चलने वाली प्रक्रिया है जो सबके  जीवन में समान रूप से आती है या फिर यूँ कहें संपूर्ण पृथ्बी पर सबके पास एक समान कुछ है तो वो समय ही है हमारा समय सही रूप से उपयोग हो इसके लिए समय प्रबंधन की जानकारी होनी जरुरी है

पहले अपनी सारी छूटे हुए कामों को TO DO की सूची में शामिल करें  शुरू शुरू में यह सूची थोड़ा बड़ा होगा. अब अपने दिन के जरूरतों के हिसाब से सूची को तीन भाग में बिभक्त कर लें  यह सबका अलग अलग हो सकता है

जिस काम को आप तुरंत करना चाहते हैँ जिस काम को करने में आपकी मेहनत कम और लाभ की उम्मीद ज्यादा हो उन सभ काम को GREEN LIST में शामिल कर लें मतलब उस काम को करना ही है .जैसे स्वास्थ सम्बन्धी गतिविधि करियर से ज़ुरा हुआ  काम बच्चों की पढ़ाई इत्यादि .

दूसरी सूची YELLOW LIST में आप उन कामों को रखें जिसे दिन के किसी भी समय कर सकते हैँ या फिर दूसरों से भी करबा सकते हैँ जैसे बिजली बिल पे करना घर का छोटा मोटा जरुरी काम करना.

तीसरी सूची RED LIST में आप उन कामों को रखें जो आपके पसंद का हो जैसे की दोस्तों के साथ घूमना सोशल मीडिया पर एक्टिव होना इत्यादि जब आप ग्रीन लिस्ट येलो लिस्ट का काम कर चुके हों तभी अपना समय रेड लिस्ट की गतिबिधियो में लगाएं .
आप  हर सुबह अपने समय प्रबंधन की योजना बनाएं, रात में अपने बनाये गए सूची को देखें की मैं दिनभर का सारा काम सूचीबद्ध तरीके से कर सकी की नही , शुरूशुरू में थोड़ा मुश्किल होगा कुछ समय बाद यह आपकी आदत बन जाएगी.  जब आप समय के साथ चलेंगे तो सफलता तो निश्चित है चाहे वो गृहणी हो विद्यार्थी या नौकरीपेशा हों.
धन्यवाद
अगले ब्लॉग में फिर नये बिषय के साथ उपस्थित होंगे.

Sunday, November 18, 2018

सकरात्मक परिस्थिति कैसे बनाएं POSITIVE ENVIRONMENT

सकारात्मक परिस्थिति कैसे बनाएं 

मैं ज्योति एक बार फिर आप सबका अपने ब्लॉग पे स्वागत करती हूँ.
जब हम महिलाएं अपने रोजमर्रा के कार्य को छोड़कर कुछ नया करने की कोशिश करते हैँ या फिर यों कहें की जीवन रूपी यात्रा में अनेक परिस्थितियों का सामान हम सब को करना परता है.
कुछ परिष्तिथियाँ हमारे अनुकूल होती है तो कुछ प्रतिकूल, कुछ परिस्तिथियों को हम स्वतः संभाल लेते हैँ तो कुछ परिस्थिति. में ईधर उधर भटकने लगते हैँ. कभी कभी भटकाव इतना अधिक हो जाता है की हम सभ कुछ गवां बैठत्ते हैँ .
आज मैं इसी बिषय को ले उपस्थित हुई हूँ किसी भी परिष्तिथि को कैसे संभाले .
कोई भी परिष्तिथियाँ हमारे सामने यों ही नही आती है उसका ताना बाना कहीं ना कहीं हम खुद से ही बनाते हैँ .
अपने विचार से अपने बोल से व अपने करने के तरीके से .हाँ यह सही है की कभी कभी परिस्तिथियाँ हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के फलश्वरूप भी सामने आती है .
गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है की कर्म से भाग्य बनता है .
अक्सर हम यही मानते हैँ की अपने जीवन यापन के लिए किया गया काम ही कर्म है.
ऐसा नही है जो हम सोचते हैं जो हम बोलते हैँ और जो करते हैँ वह सब हमारा कर्म ही तो है.
जब हम इन बातों को जान लेंगे और उसे अपने जीवन में उतारकर आगे बढ़ेंगे तब बहुत सारी परिस्थिति को स्वतः ही सुलझा लेंगे .
हर परिस्थिति में कुछ ना कुछ सकारात्मक पहलु होती है. हमें भले ही दिखाई ना दे जब हम अपना सोच सकारात्मक कर लेंगे अपनी भाषा को अपने अधीन रखेंगे और दूसरों के हित में काम करने लगेंगे तो बहुत सारी परिष्तिथियाँ अपने आप ही अनुकूल होने लगेगी.
इसके लिये निरंतर प्रयत्न करने की जरूरत है
धन्यवाद
अगले ब्लॉग में नए बिषय के साथ फिर उपस्तिथ होऊंगी
कृपया शेयर करना ना भूले .

Wednesday, October 24, 2018

WOMEN'S CONTRIBUTION TO SOCIETY



नारी का राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी 

मैं ज्योति अपने ब्लॉग में आप सब का स्वागत करती हूं
मेरे इस ब्लॉग का मकसद है महिलाओ को उनके अपने ही शक्ती से परिचय करवाना .
अपने गुणों को नारी कैसे पहचाने इस बिषय के साथ उपस्थिति हुई हूं

जैसा कि हम सभी जानते हैँ कि भारत एक विकासशील देश है
क्या हम यह जानते हैँ कि इस विकास  के पीछे महिला कि भागीदारी क्या है? केवल 14% महिलाएं ही अपना भागीदारी निभा रही है,
ऐसा नहीं है की 14% महिलाएं ही योग्य है.
कारण यह है की हम अपने योग्यता को समझ ही नहीं पाते हैँ .

अगर हम महिलाएं अपने परिवार का ध्यान रखते हुए या फिर कहें अपने जिम्मेदारी को निभाते हुऐ थोड़ा समय अपने लिए निकल लें तो हम अपने योग्यता को सहज़ ही पहचान सकते हैँ .

सुबह के कुछ समय प्रतिदिन खुद को दें अपने आप से बातें करें अपने आप को जाने हम क्या चाहते हैँ? यह प्रश्न खुद से करें बचपन में हम किस तरफ ज्यादा आकर्षित होते थे .

बस इन्ही सब बातों के साथ प्रतिदीन आपने अंदर जाइये .

दो चार रोज के बाद अपने आप से सहज़ हो जाएंगे फिर एक पेपर पर  अपनी खूबिआं व कमियाँ को लिखें .

प्रत्येक सुबह अपनी खूबिओं में से एक सबसे रुचिपूर्ण खूबी का  चुनाव करते जाएँ अंत में जो  खूबी आपके दिल को छू जाये  उसे आधार बना लीजिये .
उन खूबियों पर आप लगातार काम करें और इसे अपनी हॉबी बना लें.
यकीन मानिये जब हम कुछ अलग करने लगेंगे तो अच्छा महसूस करेंगे.

हमें  कुछ पिछै छोरना नहीं है सभी को संभालते हुऐ नया करना है.

बून्द बून्द कर सागर भरता है
आपका कदम वही बून्द है
अपने परिवार समाज व राष्ट्र निर्माण में योगदान देगा.

इन्ही पन्क्तिओ के साथ इस बिषय को अगले ब्लॉग में नये विचारों के साथ उपस्थिति हूँगी .

धन्यवाद
अपकी
ज्योती
9592509603

Sunday, October 7, 2018

WOMEN POWER


                   


हेलो दोसतो मैं जीतेन्द्र
 ज्योति अपने पहले ब्लॉग में स्वागत करती हूँ विषय है नारी शक्ति

 मुझे गर्व है नारी हूँ मैं
बचपन में मैं गुड्डे गुरिओं से खेली हूँ मैं
बावा के आंगन की खुशीआं हूँ मैं
अम्मा के आँचल का गहना हूँ मैं
भइआ के कलाई की राखी हूँ मैं
मुझे गर्व है नारी हूँ मैं
खुले आसमान में ुर्र सकती हूँ मैं
लहरों में थम सकती हूँ मैं
अंतरिक्ष में रुक सकती हूँ मैं
तलवार उठा लड़ सकती हूँ मैं
मुझे गर्व है नारी हूँ मैं
नया जीवन ला सकती हूँ मैं
हर रिश्ते संजो सकती हूँ मैं
ममता से भरा आँचल हूँ मैं
बाबा के बुढ़ापे का सहारा हूँ मैं
ठहराव नहीं अविरल हूँ मैं
मुझे गर्व है नारी हूँ मैं
शक्ति हूँ वरदान भी हूँ मैं
लक्ष्मी का अवतार भी हूँ मैं
दुष्टों का संघार भी हूँ मैं
कर्मों पे बलिदान भी हूँ मैं
घर घर पूजी जाती हूँ मैं
मुझे गर्व है नारी हूँ मैं !

धन्यवाद