Pages

Sunday, February 24, 2019

SOUL POWER


आंतरिक ऊर्जा व्यक्ति के व्यक्तितव का वो हिस्सा है जो सर्वांगिणी विकास में योगदान देता है. आंतरिक ऊर्जा मानव को मानवता से जोड़े रखता है .

कहिये कैसे हैं आप सब .
जन्म के साथ यदि कुछ साथ आता है वह है आंतरिक ऊर्जा .जब व्यक्ति सृष्टि के संपर्क में आता है आंतरिक ऊर्जा से पूर्ण होता है .

उम्र क्रम के पड़ाव से गुजरते हुये आंतरिक ऊर्जा कहीं ना कहीं घटने लगती है .

आंतरिक ऊर्जा एक ऐसी अपार ऊर्जा है जो व्यक्ति के संपूर्ण विकास का सहभागी बनता है. 

बिना आंतरिक ऊर्जा के कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तितव को निखार नहीं सकता .

जरुरत है उन ऊर्जाओं को पहचानने की :- 

चारो तरफ ही नकारात्मक बाताबरण नकारात्मक सोच आंतरिक ऊर्जा को दबा देता है . जैसे सफ़ेद चादर को मैल ढक देता है. उसी तरह आंतरिक ऊर्जा भी नकारात्मक चादर से ढक जाता है. 

आंतरिक ऊर्जा को कैसे बचाएँ :-

उम्र के पड़ाव में व्यक्ति जानकर या अंजाने में बहुत सारि ऐसी गतिविधियों का हिस्सा बन जाता है जिससे आंतरिक ऊर्जा छीन हो जाती है. 

अपने सही सोच सत्कर्म भावनाओं की गति में ना बहकर इस ऊर्जा को बचा सकते हैं. अध्यात्म से जुरकर भी ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है. जीवन में कर्म की प्रधानता भी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करती है. 

तात्पर्य यह है अपनी मन कर्म वचन को आधार बनाते हुये चिंता रहित कर्म की ओर बढ़ना  

आंतरिक ऊर्जा से लाभ :-

1  व्यक्तितव में निखार :- आंतरिक ऊर्जा  व्यक्तितव के निखार का रामबाण इलाज है  कोई भी व्यक्ति कितना भी PERSONALITY DEVELOPMENT के नियम सिख ले   आंतरिक ऊर्जा के बिना सफल नहीं हो सकता है  

2  लक्ष्य की ओर बढ़ना :- हर व्यक्ति का जीवन किसी ना किसी लक्ष्य से ज़ुरा होता है. किसी को आसानी से लक्ष्य की प्राप्ति हो जाती है तो किसी को लक्ष्य की प्राप्ति में बाधाओं का सामना करना परता है. उस परिस्तिथि में आंतरिक ऊर्जा आपके आत्मबल को स्थिर रखने में सहायक सिद्ध होगा .

3  मूल्यों को समझना :- आंतरिक ऊर्जा अपने सोचने समझने निर्णय लेने की क्षमता को प्रगाढ़ करता है .आपके अंदर ठहराव लाता है. आशावादी नज़रिया देता है .अपने मूल्यों को समझने और उसे अपने जीवन में अमल करने की शक्ति देता है. 

4  सकारात्मक सोच :- आंतरिक ऊर्जा हर परिस्तिथियों में सकारात्मक सोच को जन्म देता है जिससे हर परिस्तिथि को आसानी से समझ सकते हैं. सही व गलत की आ जाती है .

आंतरिक ऊर्जा से सफलता आपके संमीप आती है .अपना व्यक्तितव दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत हो जाता है .परिवार समाज व देश के विकास में सराहनीय भूमिका का सहभागी बनाता है. आंतरिक ऊर्जा जीवन को संयमित और नियमित करता है जो सफलता पाने का मूल सूत्र है. आंतरिक ऊर्जा को अपने जीवन का हिस्सा जरूर बनाएं. 

धन्यवाद 
अगले ब्लॉग में नये विषय के साथ फिर उपस्थित होऊंगी .

पढ़ें और शेयर जरूर करें 

आपकी ज्योति 

jitutasu@gmail.com

No comments:

Post a Comment